किसी के हौसले अगर बुलंद हो तो किसी भी उम्र मे सफलता प्राप्त की जा सकती है, उम्र तो मात्र एक संख्या है ये साबित किया है मान कौर ने
104 वर्ष की उम्र मे दौड़ भी सकते है ओर विश्व मे जीत से साथ अपने ओर अपने देश का परचम भी लहरा सकते है ।

मान कौर
जन्म – 1916
उपाधि/ अन्य नाम – चंडीगढ़ का चमत्कार पुरस्कार – नारी शक्ति पुरस्कार
104 उम्र के साथ भारत की ही नही बल्कि पुरे विश्व की सबसे उम्रदराज एथलीट है।
मान कौर अन्तरराष्ट्रीय स्प्रिंटर हैं और विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने आयु वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं।
आज से 11 वर्ष पहले 93 साल की उम्र में पहली बार ट्रैक पर कदम रखा था ।
प्रोत्साहन– मान कौर के बड़े बेटे गुरुदेव खुद एक एथलीट हैं और विभिन्न स्पर्धाओं में पदक जीत चुके हैं। गुरुदेव का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के दौरान देखते है कि विदेशों में महिलाएं अधिक उम्र में भी फिट रहती हैं। उन्होंने देखा कि 90 की उम्र पार करने के बावजूद उनकी मां भी बहुत फिट थीं इसलिए उन्होंने उन्हें दौड़ने के लिए प्रेरित किया। पुत्र की बात मानकर उन्होंने 93 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस शुरू की। चलने से शुरूआत कर उन्होंने धीरे धीरे रफ्तार बढ़ाना शुरू किया और विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी आयु वर्ग में भाग लेने लगीं।
चंडीगढ़ का चमत्कार –
आज भी उसी जोश-ओ-खरोश के साथ पटियाला स्थित पंजाब विश्वविद्यालय के परिसर में प्रैक्टिस करती दिखाई देती हैं तथा रोज 20 किलोमीटर की दौड लगाती है, इसी जोश की वजह से उनको चंडीगढ़ का चमत्कार कहते है।
उपलब्धियां –
1 चंडीगढ़ मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप मे पहला मेडल जीता है।
2- साल 2011 में उन्हें एथलीट ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला।
3- 2013 में कनाडा में हुए मास्टर्स चैंपियनशिप में मान कौर ने 100 मीटर, 400 मीटर सहित कुल 5 गोल्ड जीते।
4 – 2013 में ही अमेरिका की वर्ल्ड सीरीज गेम्स में मान कौर ने 5 गोल्ड मेडल जीते थे। 5 – न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में साल 2017 में हुए वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में मान कौर ने 100 मीटर रेस को 74 सेकेंड में पूरा कर रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड जीता।
6 – वल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप पोलैंड में भी सभी प्रतियोगिताओ में गोल्ड मेडल जीते है जेसे की शार्ट पुट, जवेलिन थ्रो, 60 मीटर डेस
मान कौर ने इसी प्रकार जीत प्राप्त कर 30 से अधिक मेडल जीते ओर विश्व मे एक मिशाल के रुप मे दिखी है।
नारी शक्ति पुरष्कार – 2019 मे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंंद ने महिलाओ का सर्वोच्च पुरस्कार ” नारी शक्ति पुरस्कार” से नवाजा है।
जिस उम्र में लोग अपनी जिंदगी के सफर का अंत मान लेते हैं, उस उम्र में इन्होंने न सिर्फ दौड़ना शुरू किया, बल्कि विश्व स्पर्धाओं में देश का परचम भी लहराया। मान कौर सभी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है ।
मान कौर का कहना है “वह अपनी अंतिम सांस तक दौड़ते रहना चाहती हैं क्योंकि दौड़ने से उन्हें बहुत खुशी मिलती है।”
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प्रेरणादायक 🙌
आज से मुझे भी दौड़ना शुरू कर देना चाहिए वरना तो जल्द ही पैर जवाब दे देंगे 🤣🤣
शुक्रिया जी, जब तक मन में होसला है तब तक पेर भी साथ देगे,
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