भारत में सुरक्षा के स्तर/श्रेणीयां – SPG , Z+ , Z
अन्य देशों की तरह भारत में भी वीआईपी और महत्वपूर्ण लोगो को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
भारतीय वीआईपी को रक्षा मंत्रालय के द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है।
सुरक्षा की श्रेणीयां-
रक्षा मंत्रालय द्वारा वीआईपी और महवपूर्ण लोगों को दी जाने वाले सुरक्षा को आवश्यकता अनुसार विभिन्न श्रेणीयों में बांटा गया हैं।
- X श्रेणी –
X श्रेणी भारत की सबसे निम्न श्रेणी की सुरक्षा है।
• इसमें सामान्य स्तर की हिफ़ाज़त मिलती है।
• इस श्रेणी में 2 लोग दिए जाते हैं।
• कोई कमांडों नही मिलता ,परन्तु 2 हथियारबंद पुलिसकर्मी मिलते हैं।
2. Y श्रेणी –
यह देश की तीसरी बड़ी सुरक्षा श्रेणी है।
•हिफाज़त के लिये 11सुरक्षाकर्मी दिये जाते हैं।
• इन 11 में से 2 कमांडों होते हैं।
• अन्य लोगो मे निजी अंगरक्षक और हथियारबंद पुलिसकर्मी होते है।
3. Z श्रेणी –
भारत की दूसरी बड़ी सुरक्षा श्रेणी है, जो कि लोगो को दी जाती है।
• हिफ़ाज़त के लिये 22 सुरक्षाकर्मी होते है।
• 4-5 राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो होते है।
• अन्यों दिल्ली पुलिस / भारत तिब्बत पुलिस के जवानो का चयन किया जाता है।
• इस श्रेणी में गाड़ी भी मिलती है।
• NSG कमांडो को अत्याधुनिक हथियार दिए जाते है।
• कमांडो बिना हथियार के लड़ने में और मार्शल आर्ट्स में निपुर्ण होते हैं।
4 . Z+ श्रेणी –
SPG सुरक्षा के बाद सबसे बड़ी श्रेणी है।
• 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
• एनएसजी, एसपीजी कमांडो, आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान होते हैं।
• 10 जवान एनएसजी के कमांडो होते है।
• कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार होते हैं।
• वर्तमान समय मे केंद्र मंत्रालय के अनुसार 40 लोगों को Z+ हिफ़ाज़त दी जाती है।
• उदाहरणतः- अमीर खान , अमित शाह , राहुल गांधी, सोनिया गांधी इत्यादि।
5- SPG ( विशेष सुरक्षा दल) –
इसमे सिर्फ देश के वर्तमान और भूतपूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवाजनों को ही मिलती है।
• यह सबसे उच्च श्रेणी की सुरक्षा है।
• इसमें सुरक्षाकर्मियों की सँख्या गोपनीय होती है।
• इसमे सुरक्षाकर्मियों का चयन एनएसजी, एसपीजी कमांडो, आईटीबीपी और सीआरपीएफ में से विशेष योग्यता वाले जवानों की कड़ी तैयारी के बाद होती है।
• SPG गढ़न 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद में 1988 में किया गया ।
• वर्तमान समय में देश मे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिलती है।
• पहले मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, सोनिया गांधी को भी मिलती थी जो कि अब हटा दी गई ।
• किसी व्यक्ति को कोनसी दी जाएगी ये इस पर निर्भर करता है कि सुरक्षा किसके लिये बनाई गई है ।
• व्यक्ति के खतरे के अनुसार उस व्यक्ति को हिफ़ाज़त प्रदान की जाती है।
• व्यक्ति के ख़तरे का निर्धारण भारत की ख़ुफ़िया विभाग के द्वारा किया जाता है।
मूल लेखक– राम नारायण विश्नोई
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