प्रोजेक्ट 75Iऔर मेक इन इंडिया पंडुब्बियां
इस प्रोजेक्ट के अंदर भारत में पंडुब्बियां बनाई जाएगी
यह पनडुब्बी भारत की जल सेना को और भी ज्यादा सशक्त करेगी ।
शुरुआत –
• प्रोजेक्ट 75Iके बारे में आज से 21 साल पहले प्रस्ताव लाया गया ।
• कुछ समय पश्चात यह प्रोजेक्ट स्थगित हो गया ।
• 2007 में इसको को अप्रूवल मिला।
• 2019 प्रोजेक्ट को देश के लिए अति आवश्यक मानकर पुनः मंजूरी मिली।
प्रोजेक्ट 75I के उद्देश्य-
• इस प्रोजेक्ट में भारत के शिपयडो का प्रयोग पनडुब्बियों को बनाने में किया जाएगा।
• कुछ देशो का चयन किया जाएगा जो अपनी पनडुब्बियों का निर्माण ख़ुद करती हैं।
• इन देशों की मदद से भारत में पंडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा ।
• इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2001 से लेकर 2030 तक 24 पंडुब्बियों का निर्माण करना था ।
• जिनमे 18 परंपरागत पनडुब्बी
6 नाभिकीय संचालित पनडुब्बी
• इन पंडुब्बियों की सहायता से हिन्द महासागर में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ काफी लाभदायक है।
प्रोजेक्ट 75Iके लिये उठाये कदम-
• रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीयों शिपयार्ड को टेन्डर ( प्रस्ताव) दिया ।
• प्रस्ताव के बाद 2 अतिआवश्यक शिपयार्ड का चयन किया ।
1 माजागाव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL)
2 लार्सन एंड टूब्रो (L&T)
• रूस , फ्रांस , जर्मनी , साउथ कोरिया की पनडुब्बी बनाने वाली कम्पनी का चयन किया ।
• ये प्रोजेक्ट “मेक इन इंडिया ” प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसकी लागत 43 हजार करोड़ है।